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Durga Saptsati : दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र में माँ दुर्गा के 108 नाम का जाप करने से होता है, चमत्कारी लाभ

माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति को कभी भी धन-धान्य की कमी नही होती है, माँ दुर्गा के 108 नमो को अर्चन के लिए हम कोई भी फल मेवा, सुहाग सामग्री या अपनी श्रद्धा और क्षमतानुसार कुछ भी ले सकते हैं। अर्चन आप नवरात्र में या उसके बाद भी अन्य स्तोत्र मंत्रों व देवताओं के लिए कर सकते हैं, इसमे आप बस दिए हर नाम के साथ एक-एक करके 108 बार माता का नाम बोलकर संकल्पित सामग्री को माता के चरणों मे चढ़ाते जाते हैं। 

जो सहस्त्रार्चन करना चाहे वे उतनी संख्या में सामग्री लें। अगर आप नवचण्डी या अन्य अनुष्ठान करवा रहें हैं तो ध्यान रखें किसी योग्य आचार्य से ही करवाये, जिसको संस्कृत व कर्मकाण्ड दोनों का ही ज्ञान हो, क्योंकि उच्चारण महत्वपूर्ण है उचित उच्चारण ना होने से आपको इक्षित ऊर्जा को प्राप्त करने में सफलता नही मिलेगी। 


 फलश्रुति- 
य इदं प्रपठेन्नित्यं दुर्गानामशताष्टकम् । 
 नासाध्यं विद्यते देवि त्रिषु लोकेषु पार्वति ।। 
धनं धान्यं सुतं जायां हयं हस्तिनमेव च । 
 चतुर्वर्गं तथा चान्ते लभेन्मुक्तिं च शाश्वतीम् ।। 
कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम् । 
 पूजयेत् परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टकम् ।। 
तस्य सिद्धिर्भवेद् देवि सर्वैः सुरवरैरपि । 
 राजानो दासतां यान्ति राज्यश्रियमवाप्नुयात् ।। गोरोचनालक्तककुङ्कुमेवसिन्धूरकर्पूरमधुत्रयेण। 
 विलिख्य यन्त्रं विधिना विधिज्ञो भवेत् सदा धारयते पुरारिः।।

 
Durga Saptsati : दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र में माँ दुर्गा के 108 नाम का जाप करने से होता है, चमत्कारी लाभ
माँ दुर्गा की फ़ोटो

माँ दुर्गा के 108 नाम

  • 1.सती 
  • 2. साध्वी 
  • 3.भवप्रीता
  • 4.भवानी
  • 5.भवमोचनी
  • 6.आर्या
  • 7.दुर्गा
  • 8.जया
  • 9.आद्या
  • 10.त्रिनेत्रा
  • 11.शूलधारिणी
  • 12.पिनाकधारिणी
  • 13.चित्रा
  • 14.चन्द्रघण्टा
  • 15.महातपा
  • 16.मन :
  • 17.बुद्धि
  • 18.अहंकारा
  • 19.चित्तरूपा
  • 20.चिता
  • 21.चिति
  • 22.सर्वमन्त्रमयी
  • 23.सत्ता
  • 24.सत्यानंद
  • 25.अनंता
  • 26.भाविनी
  • 27.भाव्य
  • 28.भव्या
  • 29.अभव्या
  • 30.सदागति
  • 31.शाम्भवी
  • 32.देवमाता
  • 33.चिंता स्वरुपिणी
  • 34.रत्नप्रिया 
  • 35.सर्वविद्या
  • 36.दक्ष कन्या
  • 37.दक्ष यज्ञ विनाशिनी
  • 38.अर्पणा
  • 39.अनेकवर्णा
  • 40.पाटला
  • 41.पाटलावती
  • 42.पट्टांबरपरिधाना
  • 43.कलमंजरीररंजिनि
  • 44अमेयविक्रमा
  • 45.क्रूरा
  • 46.सुंदरी
  • 47.सुरसुन्दरी 
  • 48.वनदुर्गा
  • 49.मातंगी 
  • 50.मतङ्गमुनिपूजिता 
  • 51.ब्राही 
  • 52.माहेश्वरी 
  • 53.एन्द्री 
  • 54.कौमारी 
  • 55.वैष्णवी 
  • 56.चामुंडा 
  • 57.वाराही 
  • 58.लक्ष्मी 
  • 59.पुरषाकृति 
  • 60.विमला 
  • 61.उत्कर्षिणी 
  • 62.ज्ञाना 
  • 63.क्रिया
  • 64.नित्या 
  • 65.बुद्धिदा 
  • 66.बहुला 
  • 67.बहुलप्रेमी 
  • 68.सर्ववाहनवाहना 
  • 69.निशुंभशुम्भहन्नी 
  • 70.महिषासुरमर्दिनि 
  • 71.मधुकैटभहन्त्री 
  • 72.चण्डमुंडविनाशनी 
  • 73.सर्व असुरविनाशा 
  • 74.सर्वदानवघातिनी 
  • 75.सत्या 
  • 76.सर्वाशस्त्रधारिणी 
  • 77.अनेकशस्त्रधारिणी 
  • 78.अनेकास्त्रधारिणी 
  • 79.कुमारी 
  • 80.एक कन्या 
  • 81.केशोरी 
  • 82.युवती 
  • 83.यति 
  • 84.अप्रौढ़ा 
  • 85.प्रोढ़ा 
  • 86.वृद्धमाता 
  • 87.बलप्रदा 
  • 88.महोदरी 
  • 89.मुक्तकेशी 
  • 90.घोररूपा 
  • 91.महाबला 
  • 92.अग्निज्वाला 
  • 93.रौद्रमुखी 
  • 94.कालरात्रि 
  • 95.तपश्विनी 
  • 96.नारायणी 
  • 97.भद्रकाली 
  • 98.विष्णुमाया 
  • 99.जलोदरी 
  • 100.शिवदूती 
  • 101.कराली 
  • 102.अनन्ता 
  • 103.परमेश्वरी 
  • 104.कात्यायनी 
  • 105.सावित्री 
  • 106.प्रत्यक्षा 
  • 107.ब्रहावादिनी 
  • 108.सर्वशास्त्रमयी
दुर्गा माँ के इन नामो आगे ओम और पीछे नमः लगाकर जाप करें। जैसे- ओम दुर्गा नमः
 "भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते । 
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् संपदां पदम् ।।" 

अर्थात- "इस स्तोत्र के लिए यह भी कहा गया है कि मंगलवारी अमावस्या में उजाला पाख में रात्रि के समय शतभिषा नक्षत्र में हो तो इस स्तोत्र का जो भी पाठ करता है वह अत्यंत संपदाओं का पाता है।" 
पिछली बार यह मुहूर्त 2015 में पड़ा था, तो उस रात ग्रहण का सूतक लग गया था।

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