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When is Saraswati Puja in 2024: 2024 में सरस्वती पूजा कब है

अगर आप यह खोज रहे है कि 2024 में सरस्वती पूजा कब है तो आप सही जगह पर आए है, हम इस आर्टिकल में सरस्वती पूजा की तारीख और शुभ मुहूर्त बताने जा रहे है।


2024 में सरस्वती पूजा कब है : 

2024 में सरस्वती पूजा 14 फरवरी दिन बुधवार को है, पूजा मुहूर्त 5 घंटे 34 मिनट का होगा, मुहूर्त की शुरुआत सुबह 07 बजकर 50 सेकेंड से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट और 33 सेकेंड तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त के दौरान माँ सरस्वती की पूजा आराधना करना श्रेयस्कर होगा।


When is Saraswati Puja in 2024: 2024 में सरस्वती पूजा कब है
When is Saraswati Puja in 2024: 2024 में सरस्वती पूजा कब है


भारत मे माघ के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को (इस बार 14 फरवरी दिन बुधवार) सरस्वती पूजा है जिसे बसंत पंचमी कहते है. इस दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, और संस्कृति की देवी माता सरस्वती की पूजा बड़े विधि और विधान से किया जाता है । ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से पढ़ाई करने वाले छात्रों को माँ सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माँ की पूजा क्यों की जाती है?

इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है और मान्यता है कि माँ सरस्वती की आराधना करने का यह अत्यंत ही शुभ समय होता है। वैसे तो बसंत पंचमी के अलावा नवरात्रि और दीपावली के दिन भी माँ सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन माघ शुक्ल पंचमी यानी बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति के ज्ञान, विद्या और बुद्धिमत्ता में बढ़ोत्तरी होती है।


सरस्वती पूजा की विधि

  • माँ सरस्वती की पूजा करने से पहले एक साफ और शुद्ध स्थान तैयार करें। और माँ सरस्वती की मूर्ति को स्वच्छ कपड़े से ढंकें और उसे सजाएं।
  • सरस्वती माता के लिए आपको पूजा सामग्री जैसे फूल, चावल, कुमकुम, चावल, नारियल, मिठाई, और फल व मेवे की व्यवस्था करें।
  • अब सरस्वती माता की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  • मूर्ति के सामने आप पीले वस्त्र पहनकर, साफ आसन पर बैठें और माता सरस्वती का स्मरण करें।
  • अब माता की पूजा करे फूल, चावल, और मिठाई से आरती उतारें।
  • सरस्वती मंत्र का जाप करें जैसे "ओम ऐं सरस्वत्यै नमः" 
  • माता को प्रसाद के रूप में मिठाई, फल, और चावल चढ़ाएं।
  • और सरस्वती माता की आरती गाएं और दीपक जलाएं।
  • पूजा के बाद माता की मूर्ति को विसर्जित न करके उसे अगले वर्ष के लिए सुरक्षित रख ले।
  • पूजा के दिन गरीबों को दान देना और उनकी सेवा करना भी एक महत्वपूर्ण भाग हो सकता है।
  • आप अपनी भक्ति और आस्था के साथ सरस्वती पूजा को सम्पन्न करें।
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