मसूरी की वादियों में गूंजी कविताएं — इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तत्वावधान में हुआ ऐतिहासिक कवि सम्मेलन
नीलोत्पल मृणाल, संदीप शुक्ला और शिवम भगवती की शानदार प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
बादलों के शहर मसूरी में उस शाम का नज़ारा कुछ और ही था — जब शब्दों की लय, भावनाओं की गहराई और काव्य की ध्वनि ने वातावरण को सुरम्य बना दिया। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तत्वावधान में आयोजित इस भव्य कवि सम्मेलन ने इतिहास रच दिया। देश के प्रमुख नीति-निर्माताओं और शीर्ष वैज्ञानिकों की उपस्थिति में हुआ यह आयोजन साहित्य और तकनीक के संगम का प्रतीक बना।
इस मंच पर नीलोत्पल मृणाल, संदीप शुक्ला और शिवम भगवती जैसे चर्चित कवियों ने अपनी सशक्त कविताओं से समां बाँध दिया। नीलोत्पल मृणाल, जो सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कविताओं के लिए पहचाने जाते हैं, ने अपनी रचना के माध्यम से नई सोच को जन्म दिया। वहीं संदीप शुक्ला, जिन्होंने इस कवि सम्मेलन का संयोजन किया, ने अपनी साहित्यिक दृष्टि और मंच संचालन से कार्यक्रम को नया आयाम दिया। उनकी कविता और प्रस्तुति में जहां अनुभव की गहराई थी, वहीं आयोजन की हर व्यवस्था में उनकी प्रतिबद्धता झलकती दिखी।
कवि शिवम भगवती ने अपनी रचनाओं से वातावरण को भावनाओं के रंगों में रंग दिया। उन्होंने कहा —
“कार्यक्रम बादलों के ऊपर हो रहा था, और कविताएँ प्रकृति की वादियों में गूँज रही थीं… आनंद ही आनंद।”
इस कवि सम्मेलन ने सिद्ध किया कि शब्द और संवेदना की शक्ति तकनीक और विज्ञान की दुनिया में भी उतनी ही प्रभावशाली है। भारतीय काव्य परंपरा के इस गौरवशाली आयोजन ने साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का संदेश दिया।
